अगर मेरी हत्या हो जाती है जैसा की कुछेक की आशंका है और कुछ लोग इसके लिए साजिश कर रहे है, तो हिंसा हत्यारे के मन और कर्म में होगी, मेरे मरण में नहीं क्योंकि कोई भी नफरत चाहे वह कितनी ही गहरी हो, अपने देश और देश वासियों के प्रति मेरे प्यार को धुंधला नहीं सकती, किसी भी ताकत में इतना दम नहीं जो मुझे अपने लक्ष्य से हटा सके और देश को आगे और आगे ले जाने की मेरी कोशिशों को नाकाम कर सके!
0 comments:
Post a Comment